बड़ी दूर उड़ गया वो परिंदा
ख्वाइशे इश्क़ की मुहब्बत में
बेखबर इस बात से की
दिन के प्रहर ख़तम हो गए
अँधेरे के साथ रास्तों की उलझने
ना जाने किस ओर भटका गयी
दूर तलक आशियान ना था
रात सर्द और जहाँ ना था
हर ओर बहता तूफान एक
बेदर्द कोई ईमान ना था
पलके थी नम ढलती हुयी
पंखो में कोई जान ना था
उड़ते पंखो में टूटा यूँ
बाकी कोई अरमान ना था
बड़ी दूर उड़ गया था वो परिंदा
ख्वाईशो का अब तूफान ना था .....
ख्वाइशे इश्क़ की मुहब्बत में
बेखबर इस बात से की
दिन के प्रहर ख़तम हो गए
अँधेरे के साथ रास्तों की उलझने
ना जाने किस ओर भटका गयी
दूर तलक आशियान ना था
रात सर्द और जहाँ ना था
हर ओर बहता तूफान एक
बेदर्द कोई ईमान ना था
पलके थी नम ढलती हुयी
पंखो में कोई जान ना था
उड़ते पंखो में टूटा यूँ
बाकी कोई अरमान ना था
बड़ी दूर उड़ गया था वो परिंदा
ख्वाईशो का अब तूफान ना था .....
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