बारिश भी आ करके थम गयी बस अश्क़ अपना तक़ाज़ा लगाना भूल गए ..... -----------------------------**********************---------------------------- जरूरतों से कुछ यूँ तौबा कर ली की शिकायतें मुझमे लाजिम होने लगी ..... -----------------------------**********************---------------------------- शर्तो पे इश्क़ नहीं , समझौते होते है जनाब ..... -----------------------------**********************---------------------------- अब दर्द सम्हलता नहीं इन साँसों में खुदा तू ही कुछ तरीका बता ..... -----------------------------**********************---------------------------- हमने बहुत कोशिश की घर बचाने की पर उनकी भी जिद थी आग लगाने की ..... -----------------------------**********************---------------------------- होश की चाहत में ये बात हो गयी बेहोशी फिर थोड़ा आज बर्बाद हो गयी ..... -----------------------------**********************---------------------------- किस्से अब बयां करे भी तो क्या ...
बूँद a drop/ Boond a drop success is unpredictable but struggle is always defined by you.