चालीसा शब्द 40 से बना है। क्या होता है चालीसा ये जानने के लिए दोहा और चौपाई जानना जरूरी है।
दोहा- दो पंक्तियों की कविता जिसके प्रत्येक पंक्ति में 24 मात्राएँ (13+11)
चौपाई- चार पंक्तियों की कविता जिसके प्रत्येक पंक्ति में 16 मात्राएँ
चालीसा कई चौपाईयों को नियोजित ढंग से सुवय्वस्थितकरण है। और समान्यता चालीसा का प्रारम्भ और अंत दोहो से किया जाता है।
चालीसा- 40 पंक्ति में लिखी चौपाइयाँ + दोहे (चालीसा के प्रारम्भ + अंत में)
एक बार तुलसीदास जी को राजा अखबर के दरबार में बुलाया गया। जहाँ पर उनसे अखबर की प्रशंसा में काव्य लिखने को बोला गया।
तुलसीदास के मना करने पर तुलसीदास जी को जेल में डाल दिया गया। जेल के अंदर तुलसीदास ने अवधी भाषा में हनुमान चालीसा की रचना की।
जब तुलसीदास ने जेल के अंदर हनुमान चालीसा का पाठ किया तो अखबर के दरबार एवं जेल में बंदरो ने उत्पात मचा दिया। परेशान होकर अखबर ने तुलसीदास को जेल से रिहा कर दिया तब जाकर बन्दर शांत हुए।
तुलसीदास की हनुमान चालीसा की रचना के बाद कई संतो ने अलग अलग देवी देवताओं के चालीसा की रचना की।
माना जाता है की सबसे पहले जिस चालीसा की रचना हुयी वो हनुमान चालीसा है।
चालीसा और स्त्रोतम में अंतर
स्त्रोतम- आदिकाल में भगवान की प्रशंसा में लिखे हुये संस्कृत काव्य
चालीसा- चालीसा की रचना काफी बाद में हुयी और इसे समान्यता क्षेत्रीय भाषा में लिखा गया (हिंदी, अवधी, प्राकृत, तमिल, तेलगु)
देवी देवतओं के चालीसा पड़ने के लिये उनके नाम पर क्लिक करे।
1. गणेश चालीसा
2. शिव चालीसा
7. बजरंग बाण
9. काली चालीसा
10. दुर्गा चालीसा
11. कृष्ण चालीसा
12. राधा चालीसा
13. राम चालीसा
14. सीता चालीसा
15. नवग्रह चालीसा
16. सूर्य चालीसा
17. शनि चालीसा
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